पीएसबी के अंतर्गत अनुसंधान गतिविधियाँ
एसपीएल की ग्रहीय विज्ञान शाखा की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियाँ मुख्यतः तीन प्रमुख वैज्ञानिक विषयाओं में आती हैं। यह तीन विषय हैं (अ) सौर विकिरण की ग्रहीय वायुमंडल से अंतःक्रिया एवं इसके कारण होने वाले प्रक्रम, (ब) सौर-पवन एवं इसकी विभिन्न ग्रहों एवं ग्रहीय वस्तुओं से अंतःक्रिया, (स) ग्रहीय तटस्थ वायुमंडल का यथास्थिति प्रेक्षण। इसरो के प्रतिष्ठित चंद्रयान-1 अभियान के समय से ही पीएसबी विभिन्न प्रयोगों जैसे चंद्रयान-1 पर अवस्थित उप-केईवी एटम रिफ़्लेक्टिंग विश्लेषक (सारा), मंगल कक्षित्र अभियान (मॉम) पर अवस्थित मंगल बहिर्मंडल तटस्थ संघटन विश्लेषक (मेनका) तथा चंद्रयान-2 पर अवस्थित चंद्रा वायुमंडलीय संघटन एक्सप्लोरर (चेज़-2)। वैज्ञानिक परिणामों के आधार पर ये सभी प्रयोग बेहद सफल रहे तथा इनहोने ‘खोज’ के स्तर वैज्ञानिक परिणाम दिए। चेज़-2 के आंकड़ों का विश्लेषण भली-भांति प्रगति पर है तथा चंद्रमा के बहिर्मंडल में आर्गन-40 के प्रथम परिणामों का प्रकाशन भी हो चुका है। इसके साथ ही चेज़-2 के आंकड़ों के सेट जन-साधारण के लिए वितरित कर दिए गए हैं। मेनका के आंकड़ों का विश्लेषण भी चल रहा है। उपकरण विकास के संदर्भ में पीएसबी का मुख्य प्रयास वैज्ञानिक प्रदायभरों जैसे आदित्य-एल1 अभियान पर प्लाज़्मा विश्लेषक पैकेज फॉर आदित्य (पापा), आने वाले शुक्र अभियान के लिए वीनस आयनमंडलीय एवं सौए पवन विश्लेषक (विस्वास), वीनस आयनमंडलीय प्लाज़्मा तरण संसूचक (वाइपर), वीनस तापमंडल आयनमंडल संघटन विश्लेषक (वेथिका), वीनस इलेक्ट्रॉन तापमान विश्लेषक (वेटा) हैं। साथ ही निकट भविष्य में ‘दिशा’ अभियान के लिए इलेक्ट्रॉन तापमान विश्लेषक (एटा) भी विकसित किया जा रहा है। इसरो के दूसरे मंगल अभियान के लिए मंगल के वातावरण के लिए प्लाज़्मा विश्लेषक (प्रेम) एवं चुम्बकमापी (प्रवाहद्वार एवं खोज-कुंडली) भी विकासाधीन हैं। भार-स्पेक्ट्रोमापी की इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास के लिए गठित कार्य-समूह के एक भाग के तौर पर पीएसबी इस गतिविधि के लिए आवश्यक वैज्ञानिक एवं अनुकरण योगदान दे रही है। एसपीएल की उच्च निर्वात अन्तरिक्ष अनुकरण सुविधा (एचवीएसएसएफ) अब पूर्ण रूप से संक्रियात्मक है तथा इसे प्रदायभारों की आवश्यकता अनुसार संवर्धित किया जा रहा है। इसके साथ ही एक उन्नत प्रदायभार संक्रिया केंद्र (पीओसी) भी एसपीएल द्वारा विकसित सभी प्रदायभारों की भूमि-खंड गतिविधियों में सहयोग दे रहा है तथा इसे नियमित रूप से संवर्धित किया जा रहा है।