पीएसबी के उद्देश्य एवं दृष्टिकोण
ग्रहीय विज्ञान अनुसंधान में जिन क्षेत्रों पर बल दिया जाता है वे हैं – सौर विकिरण एवं सौर पवन की विभिन्न सौर-मंडलीय वस्तुओं (जैसे ग्रह, ग्रहीय उपग्रह, धूमकेतु) से अंतःक्रिया। इसमें मुख्य ध्यान वायुमंडल, आयनमंडल व चुंबकमंडल में, तथा सतह पर होने वाली प्रक्रियाओं जैसे दिवसदीप्ति एवं ध्रुव-ज्योति उत्सर्जन, प्रकाश-रसायनशास्त्र, सौर प्रदीप्ति एवं ग्रहीय प्रक्रमों पर इनके प्रभाव, सौर-पवन की ग्रहीय सतहों एवं वायुमंडल से अंतःक्रिया तथा अन्तरिक्ष प्लाज़्मा भौतिकी पर दिया जाता है। इन सभी अध्ययनों को बहु-तरंगदैघर्य (एक्स-किरण, पराबैंगनी, दृश्य, अवरक्त एवं रेडियो), कण प्रेक्षण (आयन एवं निरावेशी), आवेशित कणों का ग्रहीय के ह्रास की मोंटे-कार्लो मॉडलिंग।
मोटे तौर पर अनुसंधानिक गतिविधियों को निम्नलिखित मुख्य विषयों में बाँट सकते है:
• भारत के अन्तरिक्ष अभियानों के लिए वैज्ञानिक प्रदायभारों (उपकरणों) का विकास तथा इन उपकरणों से प्राप्त वैज्ञानिक आंकड़ों का विश्लेषण।
• ग्रहों, चंद्रमाओं तथा धूमकेतुओं पर होने वाली परिघटनाओं की सैद्धांतिक मॉडलिंग।
• अन्तरिक्ष तथा भूमि पर स्थित दूरदर्शियों से बहु-तरंगदैघर्य (एक्स-किरण, पराबैंगनी, दृश्य, अवरक्त एवं रेडियो) प्रेक्षण।
• ग्रहीय वस्तुओं से आवेशित एवं निरावेशी कणों का प्रेक्षण।