ChaSTE Payload onboard Chandrayaan-2 and 3 Missions
The ChaSTE (Chandra’s Surface Thermophysical Experiment) payload onboard the Chandrayaan-2 and 3 missions investigates the variation of temperature within 100 mm depth of the lunar regolith and measures its thermal conductivity.
A space qualified microcontroller based payload electronics and onboard software has been designed and developed. Functionalities of the electronic system are deployment and insertion of the payload’s thermal probe (consists of 10 temperature sensors and a heater) into the lunar soil up to 140 mm depth in a controlled manner by driving motor based mechanism, continuous temperature measurement of the soil with precision, thermal conductivity experiment by operating the probe heater and spacecraft interfaces (payload data, telemetry and tele-command).
PAPA Payload for Aditya-L1 Mission
The PAPA (Plasma Analyser Package for Aditya) payload for the Aditya-L1 mission aims at studying the composition of solar wind and its energy distribution continuously throughout the mission’s life time. The payload is being developed by SPL in association with Avionics and various entities of VSSC. ATD is involved in the testing, calibration and characterization of the payload.
CHACE-2 Payload onboard Chandrayaan-2 Mission
The CHACE-2 (Chandra’s Atmospheric Composition Explorer-2) payload is a quadrupole mass spectrometer based payload for detailed in-situ study of the composition of the lunar neutral exosphere and its variability in the mass range of 1 to 300 amu from 100 km circular polar orbit.
The payload electronics is built with 8051s processor embedded in a space qualified FPGA. Onboard software has been designed and developed for initialization of the payload and data acquisition by RS-232 interface. It handles payload data transfer, telemetry generation and telecommands reception by MIL-STD-1553 interface. The software has also program upload feature for changing either total or a patch of it.
HABCA Payload for RAWEX Project
HABCA (High altitude balloon Aerosol Black Carbon Aethalometer) payload aims at in-situ measurements of vertical distribution of black Carbon along with concurrent measurements of atmospheric thermodynamics as a part of the RAWEX (Regional Aerosol Warming Experiment) using a high altitude balloon.
The ground-based Aethalometer instrument has been modified for high altitude measurements. A microcontroller based onboard system has been designed and developed for the payload for data acquisition and telemetry. It has a GPS receiver for precise time and position information. Also as part of the experiment, GSM/GPRS based real-time data transfer system has been developed.
The experiment has been successfully conducted four times from National Balloon Facility, TIFR, Hyderabad.
Multi-wavelength Solar Radiometer of ARFINET
The ARFINET is a national network of aerosol observatories, established and operated as part of Aerosol Radiative Forcing over India project of ISRO-GBP (Geosphere Biosphere Programme). The in-house built multi-wavelength solar radiometer is the backbone instrument for the ARFINET. It derives aerosol optical depth in ten narrow wavelength bands by precise Sun tracking.
Microcontroller based stand-alone control and data acquisition system has been designed and developed for operation of the radiometer. It has features like real-time data display, data storage, remote PC interface and different menu selection. A GUI software has also been developed for real time graphical display and data storage in PC. The system is operational in multiple ARFI network stations across India. The stand-alone system replaced the obsolete IBM compatible PC-based control and data acquisition system.
Automatic Night-time Photometer
The night-time Photometer is an in-house developed compact multi-filter optical instrument for measuring the intensities of faint airglow emissions from the Mesosphere-Thermosphere region. The photometer is a fully automatic instrument, where no manual interruption is required to switch ON or OFF the system and capable of operating in the user defined time slots. This makes the system ideal for remote locations and suitable for conducting field campaigns. The instrument is also capable of selecting the user defined wavelengths in any required combinations. A mirror scanning is introduced in the fore-optics to scan the sky at different elevation angles.
A GUI software has been developed for its automatic operation, data acquisition and data archival. The software also displays its acquired data in graphical and tabular formats in real-time.
HF Radar System
The in-house built HF radar is phase coherent, monostatic, pulsed radar operating at 18.1 MHz. It is a powerful tool to study plasma instability processes responsible for the generation of equatorial electrojet and equatorial spread-F irregularities. Transmitter of the radar generates 50 kW peak power. The antenna system used is an interlaced phased array consists of 72 wire-dipoles arranged in a 12x6 rectangular array configuration. The radar employs Doppler beam swinging with beam orientations of vertical, 30° East and 30° West. The backscattered signal collected by the array antenna is processed by a digital receiver and a PC based data acquisition system.
The radar is operated daily. Periodic maintenance and necessary augmentation is carried out for different sub-systems of the radar.
Digisonde System
Digisonde is an ionospheric radar that uses high frequency radio waves (2 to 20 MHz) for monitoring electron density in the ionosphere. It generates 300W peak transmission power. Signal transmission is performed with two (NE–SW and NW–SE) crossed delta antennas of 30 m in height. Signal reception is done with an array of four crossed magnetic dipole receive antennas in a triangular arrangement.
The system is operated in 24x7 mode. Periodic maintenance and refurbishment are carried out for the system.
चंद्रयान -2 और 3 मिशनों पर ChaSTE पेलोड
चंद्रयान -2 और 3 मिशनों पर ChaSTE ( चन्द्रमा का भूतापीय प्रयोग) पेलोड, चन्द्रमा के ऊपरी सतह से 100 mm गहराई के भीतर तापमान की भिन्नता की जांच करता है और इसकी तापीय चालकता को मापता है।
एक अंतरिक्ष योग्य माइक्रोकंट्रोलर आधारित पेलोड की इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑनबोर्ड सॉफ्टवेयर की रूपरेखा का विकास और उसका निर्माण किया गया है। मोटर की सहायता से, एक थर्मल प्रोब (10 तापीय सेंसर और एक हीटर) नियंत्रित रूप से चन्द्रमा की सतह से140 mm की गहराई तक मिट्टी की थर्मल प्रयोग के लिए और इंटरफेस (पेलोड डेटा, दूरमापी और दूरसंचार) के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का निर्माण किया गया है।
आदित्य-L1 मिशन के लिए PAPA पेलोड
आदित्य-L1 मिशन के लिए PAPA (आदित्य के लिए प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज) पेलोड का उद्देश्य मिशन के पूरे जीवनकाल में सौर पवन की संरचना और इसके ऊर्जा वितरण का लगातार अध्ययन करना है। एवियोनिक्स और VSSC की विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से SPL द्वारा पेलोड विकसित किया जा रहा है। ATD बड़े पैमाने पर पेलोड के परीक्षण, अंशांकन और लक्षण वर्णन में शामिल है।
चंद्रयान-2 मिशन पर CHACE-2 पेलोड
CHACE-2 (चन्द्रमा का वायुमंडलीय संरचना एक्सप्लोरर-2) पेलोड एक चार ध्रुवीय मास स्पेक्ट्रोमीटर आधारित पेलोड है जो चंद्र तटस्थ बहिर्मंडल की संरचना और मास रेंज में उसकी परिवर्तनशीलता के विस्तृत यथास्थान अध्ययन के लिए है। यह 100 km की वृत्ताकार ध्रुवीय कक्षा से 1 से 300 amu की द्रव्यमान सीमा में मापन करता है।
पेलोड इलेक्ट्रॉनिक्स एक अंतरिक्ष योग्य FPGA में निहित 8051s प्रोसेसर से बनाया गया है। ऑनबोर्ड सॉफ्टवेयर को RS-232 इंटरफेस द्वारा पेलोड के आरंभीकरण और डेटा अधिग्रहण के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है। यह MIL-STD-1553 इंटरफेस द्वारा पेलोड डेटा स्थानांतरण, टेलीमेट्री जेनरेशन और दूरसंचार अधिग्रहण को संभालता करता है। सॉफ्टवेयर में सम्पूर्ण या इसके एक पैच को बदलने के लिए प्रोग्राम अपलोड सुविधा भी है।
RAWEX प्रोजेक्ट के लिए HABCA पेलोड
HABCA (हाई एल्टीट्यूड बैलून एयरोसोल ब्लैक कार्बन एथलोमीटर) पेलोड का उद्देश्य ऊंचाई पर गुब्बारा का उपयोग करते हुए वायुमंडलीय थर्मोडायनामिक्स के समवर्ती माप के साथ-साथ ब्लैक कार्बन के ऊर्ध्वाधर वितरण के यथास्थान मापन करना है । यह, RAWEX (रीजनल एरोसोल वार्मिंग एक्सपेरिमेंट) प्रयोग का एक हिस्सा है।
इसमें उच्च ऊंचाई माप के लिए जमीन आधारित एथेलोमीटर उपकरण को संशोधित किया गया है। डेटा अधिग्रहण और टेलीमेट्री के लिए पेलोड के ऑनबोर्ड सिस्टम आधारित एक माइक्रोकंट्रोलर को डिजाइन और विकसित किया गया है। इसमें सटीक समय और स्थिति की जानकारी के लिए एक GPS रिसीवर लगा है, साथ ही प्रयोग के हिस्से के रूप में, GSM/GPRS आधारित रीयल-टाइम डेटा ट्रांसफर सिस्टम विकसित किया गया है।
यह प्रयोग राष्ट्रीय गुब्बारा सुविधा, TIFR, हैदराबाद के द्वारा चार बार सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।
ARFINET के मल्टी-वेवलेंथ सोलर रेडियोमीटर
ARFINET परियोजना एयरोसोल वेधशालाओं का एक राष्ट्रीय नेटवर्क है, जो ISRO-GBP (जियोस्फीयर बायोस्फीयर प्रोग्राम) की एरोसोल रेडिएटिव फोर्सिंग ओवर इंडिया के हिस्से के रूप में स्थापित और संचालित है। संस्थानिक निर्मित मल्टी-वेवलेंथ सोलर रेडियोमीटर, ARFINET के लिए प्रमुख उपकरण है। यह सटीक सूर्य की दस संकीर्ण तरंग दैर्ध्य पर नज़र रखकर एरोसोल की प्रकाशीय गहराई का मापन करता है।
रेडियोमीटर के संचालन के लिए माइक्रोकंट्रोलर आधारित स्टैंड-अलोन नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया गया है। इसमें रीयल-टाइम डेटा डिस्प्ले, डेटा स्टोरेज, रिमोट पीसी इंटरफेस और विभिन्न मेनू चयन जैसी विशेषताएं हैं। PC में रीयल टाइम ग्राफिकल डिस्प्ले और डेटा स्टोरेज के लिए एक GUI सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गया है। यह प्रणाली पूरे भारत में कई ARFI नेटवर्क स्टेशनों में काम कर रही है। इस स्टैंड-अलोन सिस्टम ने अप्रचलित IBM संगत PC आधारित नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण प्रणाली को बदल दिया।
स्वचालित रात्रिकालीन फोटोमीटर
रात्रि कालीन फोटोमीटर, मध्यमंडल और समतापीय मंडल के क्षेत्र से मंद एयरग्लो उत्सर्जन की तीव्रता को मापने के लिए एक संस्थानिक विकसित सघन मल्टी-फिल्ट युक्त प्रकाशीय उपकरण है। फोटोमीटर एक पूरी तरह से स्वचालित उपकरण है, इसमें सिस्टम को चालू या बंद करने के लिए हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है और उपयोगकर्ता परिभाषित समय में संचालन करने में सक्षम है। यह सिस्टम को दूरस्थ स्थानों और क्षेत्रीय अभियान चलाने के लिए उपयुक्त बनाता है। उपकरण किसी भी आवश्यक संयोजन की तरंग दैर्ध्य का चयन करने में भी सक्षम है। इसमें विभिन्न उन्नयन कोणों पर आकाश को स्कैन करने के लिए फोर-ऑप्टिक्स में एक दर्पण स्कैनिंग की शुरुआत की गई है।
इसके स्वचालित संचालन, डेटा अधिग्रहण और डेटा संग्रह के लिए एक GUI सॉफ़्टवेयर विकसित किया गया है। सॉफ्टवेयर वास्तविक समय में अपने अधिग्रहीत डेटा को ग्राफिकल और सारणीबद्ध स्वरूपों में भी प्रदर्शित करता है।
HF रडार प्रणाली
संस्थानिक निर्मित HF रडार चरण सुसंगत, एकस्थितिक, स्पंदित रडार है जो 18.1 MHz पर काम कर रहा है। यह भूमध्यरेखीय इलेक्ट्रोजेट और इक्वेटोरियल स्प्रेड-एफ अनियमितताओं के लिए उत्तरदायी प्लाज्मा-अस्थिरता प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। रडार का प्रेषक 50 kW की प्रमुख क्षमता को उत्सर्जित करता है। उपयोग किया गया एंटीना सिस्टम एक अंतर्गठित चरणबद्ध सरणी है जिसमें 12x6 आयताकार सरणी विन्यास में व्यवस्थित 72 तार-द्विध्रुव होते हैं। रडार ऊर्ध्वाधर, 30° पूर्व और 30° पश्चिम के बीम अभिविन्यास के साथ बदलते हुए डॉपलर बीम को नियोजित करता है। ऐरे एंटेना द्वारा एकत्र किए गए बैकस्कैटर तरंग को एक डिजिटल अभिग्राही और एक PC आधारित डेटा अधिग्रहण प्रणाली द्वारा संसाधित किया जाता है।
रडार नियमित रूप से संचालित होता है। रडार की विभिन्न उप-प्रणालियों के लिए आवधिक अनुरक्षण और आवश्यक संवर्द्धन किया जाता है।
Digisonde प्रणाली
Digisonde एक अयनमण्डलीय रडार है जो अयनमंडल में इलेक्ट्रॉन के घनत्व की निगरानी के लिए उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों (2 से 20 MHz) का उपयोग करता है। यह 300 W की प्रमुख प्रसारण क्षमता को उत्सर्जित करता है। उत्सर्जित तरंग का प्रसारण, 30 m ऊंचाई के दो क्रॉस किए गए डेल्टा एंटेना (NE–SW और NW–SE) के साथ किया जाता है। एक त्रिकोणीय व्यवस्था में चार क्रॉस चुंबकीय द्विध्रुवीय सरणीगत एंटेना की मदद से तरंग का प्रतिग्रहण किया जाता है।
सिस्टम 24x7 मोड में संचालित होता है। सिस्टम का समय-समय पर रखरखाव और नवीकरण किया जाता है।